Vaikuntha Chaturdashi 2024 Date: कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी तिथि को बैकुंठ चौदस मनाने की परंपरा है. इस दिन शिवजी और श्री हरि की पूजा का विधान है. कहते हैं कि इस दिन भगवान की पूजा-अर्चना से सभी पापों का नाश हो जाता है. शास्त्रों में इस दिन श्राद्ध-तर्पण का महत्व बताया गया है. इस साल बैकुंठ चतुर्दशी 14 नवंबर दिन गुरुवार को मनाई जाएगी. आपको इसकी पूजन विधि, उपाय और कुछ दिव्य मंत्रों के बारे में बताते हैं.
बैकुंठ चतुर्दशी पर कैसे करें भगवान की पूजा?
सबसे पहले घर के पूजन स्थल को गंगाजल के छिड़काव से शुद्ध करें. भगवान विष्णु को पीले फल, पीले फूल, पीला जनेऊ और पीला चंदन अर्पित करें. जबकि भगवान शिव को सफेद जनेऊ और सफेद चंदन अर्पित करें. शुद्ध गाय के घी के दो दीपक प्रज्वलित करें और किसी आसन पर बैठकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें.
भगवान शिव और विष्णु को कमल के फूल या गुलाब के पुष्प अर्पित करना और भी उत्तम होगा. फिर अपने मन की इच्छा ईश्वर से कहें. भगवान विष्णु को तुलसी और भगवान शिव को सफेद मिठाई का भोग लगाएं और परिवार के सभी सदस्य प्रसाद ग्रहण करें. शाम के समय स्नान करें और किसी नदी या तालाब के किनारे 14 दीपक जलाएं या अपने घर के मंदिर में भी दीपक जला सकते हैं.
महाउपाय
मान-सम्मान के लिए उपाय
एक शुद्ध तांबे के लोटे में जल शक्कर लाल चंदन और लाल गुलाब के फूल डालें और यदि संभव हो तो मध्यम स्वर में सूर्याष्टक का 3 बार पाठ करें. यह तांबे के लोटे का जल भगवान सूर्य को अर्पित करें और अर्पित किए गए जल का छींटा अपने मस्तक पर अवश्य दें. भगवान सूर्य नारायण की कृपा से मान-सम्मान की प्राप्ति खूब होगी.
पापों का प्रायश्चित
रात्रि के समय भगवान विष्णु या भगवान शिव जी की पूजा करें. या तो भगवान विष्णु के सामने गजेंद्र मोक्ष का पाठ करें. या फिर शिवजी के सामने नमः शिवाय का जप करें. पापों के प्रायश्चित की प्रार्थना करें.
धन प्राप्ति के उपाय
रात्रि के समय भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करें. इनको एक संयुक्त पीले फूलों की माला अर्पित करें. इसके बाद या तो विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. या फिर ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः का जाप करें. धन प्राप्ति की प्रार्थना करें.
मुक्ति मोक्ष के लिए उपाय
बैकुण्ठ चतुर्दशी पर भगवान विष्णु की उपासना करें. उनके सामने एक घी का दीपक जलाएं. इसके बाद पूरी भगवद्गीता का पाठ करें. या फिर गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करें. मुक्ति मोक्ष की प्रार्थना करें.
बैकुंठ चतुर्दशी के महामंत्र
1. ॐ हूं विष्णवे नम:
2. ॐ विष्णवे नम:
3. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
4. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
5. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
6. ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
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